इन्सुलिनोमा अग्नाश्य का एक दुर्लभ ट्यूमर होता है। जो अग्नाशय की बीटा कोशिकाओं द्वारा बनाया जाता है। यह एक न्यूरोएंडोक्राइन ट्यूमर का बहुत दुर्लभ रूप है। अधिकांश इन्सुलिनोमा सौम्य होते है और केवल 10% ही कैंसर का रूप धारण करते है। विशेष रूप से इस तरह के ट्यूमर अग्नाशय के अंदर ही बढ़ते हैं एवं पाए जाते है। अग्नाशय इन्सुलिन नमक हॉर्मोन बनाते है, यह इन्सुलिन हॉर्मोन रक्त में ग्लूकोज़ के स्तर को नियमित करता है। इन्सुलिनोमा द्वारा इन्सुलिन का स्त्राव अत्यधिक मात्रा में होता है। इस कारण रक्त में ग्लूकोज़ का स्तर सामान्य से बहुत कम हो जाता है।
रक्त में ग्लूकोज़ का सामान्यतया स्तर 80-130 मिग्रा/डेली होता है। ग्लूकोज़ स्टार काम होने के कारण अचानक बेहोशी आना, चक्कर आना, पसीना आना, कमजोरी लगना जैसे लक्षण आने लगते है। अत्यधिक ग्लीकोज़ स्तर काम होना जानलेवा भी हो सकता है। इस प्रकार का मरीज रीजेंसी अस्पताल के एन्ड्रोक्राइनोलॉजिस्ट डॉक्टर ऋषि शुक्ल द्वारा डायग्नोस किया गया एवं उनके द्वारा गैस्ट्रो सर्जन को संपर्क करने का सुझाव दिया गया। रीजेंसीं अस्पताल के वरिष्ठ गैस्ट्रो एवं गैस्ट्रो कैंसर सर्जन डॉक्टर अभिमन्यु कपूर एवं उनकी टीम द्वारा केस का विश्लेषण एवं सफलतापूर्वक ऑपरेशन किया गया। ऑपरेशन बहुत ही चुनौतीपूर्ण था क्योंकि ट्यूमर को अग्नाशय से पहचानना बहुत ही कठिन है। आपरेशन के दौरान विशेष प्रकार के अल्ट्रासाउंड का योगदान रहा जिसकी मदद से डॉक्टर अभिमन्यु कपूर ने अग्नाशय के अनसिनेट प्रोसेस से न केवल टीमर को हटाया बल्कि सम्बंधित ग्रंथियों को सुरक्षित रख मरीज को एक नया जीवन प्रदान किया। सर्जरी के बाद मरीज का रक्त ग्लूकोज़ का स्तर सामान्य है एवं वह इस समस्या से पूर्ण रूप से मुक्त हो गया है।
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